शेयर बाजार में पैसे कमाने से ज्यादा जरूरी है, नुकसान से बचना और अपने भावनाओं पर काबू रखना. Zerodha के को-फाउंडर और सीईओ नितिन कामथ ने हाल ही में अपनी इन्वेस्टमेंट जर्नी से एक ऐसी स्मार्ट ट्रिक शेयर की है, जिसे अपनाकर आम निवेशक भी शेयर बाजार में समझदारी से खेल सकते हैं.
कामथ ने बताया कि अगर आप सिर्फ अच्छे स्टॉक्स खरीदने पर ध्यान दे रहे हैं लेकिन अपने व्यवहार यानी इमोशंस और टैक्स प्लानिंग को नजरअंदाज कर रहे हैं, तो मुनाफा कमाने की राह मुश्किल हो सकती है. उनका कहना है कि निवेश और ट्रेडिंग को अलग-अलग रखना ही असली चाल है.
सेकेंडरी डिमैट अकाउंट रखना समझदारी
कामथ ने अपने पुराने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि Zerodha शुरू करने से पहले जब वे खुद एक्टिव ट्रेडर थे, तब उन्होंने दो डिमैट अकाउंट बनाए थे. एक ऑफलाइन डिमैट अकाउंट जिसमें वे सिर्फ लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट रखते थे, और दूसरा ऑनलाइन अकाउंट जिससे वे ट्रेडिंग करते थे.
इसका फायदा ये हुआ कि उनके लॉन्ग-टर्म स्टॉक्स को बेचना एक आसान काम नहीं था. उन्हें फिजिकली डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप भरकर भेजनी पड़ती थी. ये छोटी-सी मुश्किल एक बिहेवियरल हैक बन गई, जिससे उन्हें इमोशनल फैसलों से बचने में मदद मिली. नतीजा ये हुआ कि जिन स्टॉक्स को उन्होंने लंबे समय तक बिना छेड़े रखा, वहीं उनके सबसे अच्छे रिटर्न्स बने.
इम्पल्स सेलिंग से बचें
शेयर बाजार में अचानक गिरावट या किसी न्यूज से घबराकर स्टॉक्स बेच देना आम बात है. मगर नितिन कामथ की यह रणनीति इम्पल्स सेलिंग को रोकती है. जब लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट बेचने के लिए मेहनत करनी पड़े, तो आप सोच-समझकर ही फैसला लेते हैं और यही सोच लंबे समय में मुनाफे की नींव रखती है,
टैक्स बचाने का भी स्मार्ट तरीका
सिर्फ अनुशासन ही नहीं, सेकेंडरी डिमैट अकाउंट का एक और बड़ा फायदा है, टैक्स सेविंग. भारत में जब आप एक ही डिमैट अकाउंट में शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म होल्डिंग्स रखते हैं, तो FIFO (First In, First Out) रूल लागू होता है. इसका मतलब यह है कि पहले खरीदा गया स्टॉक पहले बेचा हुआ माना जाता है. भले ही आप लॉन्ग-टर्म होल्डिंग बेचना चाहें.
इससे टैक्स कैलकुलेशन में गड़बड़ी हो सकती है और आप अनजाने में ज्यादा टैक्स दे सकते हैं. लेकिन अगर आप अपने लॉन्ग-टर्म स्टॉक्स को एक अलग डिमैट अकाउंट में रखते हैं, तो हर डिमैट अकाउंट पर FIFO अलग-अलग लागू होगा. इससे शॉर्ट-टर्म ट्रेड्स आपके लॉन्ग-टर्म निवेश को प्रभावित नहीं करेंगे,
Zerodha का नया फीचर: सेकेंडरी डिमैट अकाउंट
कामथ ने बताया कि Zerodha ने अब सभी यूजर्स के लिए सेकेंडरी डिमैट अकाउंट खोलने का ऑप्शन भी शुरू कर दिया है. इसका मतलब है कि आप अब आसानी से अपने लॉन्ग-टर्म और शॉर्ट-टर्म निवेश को अलग-अलग डिमैट में रख सकते हैं. इससे न सिर्फ अनुशासन बढ़ेगा, बल्कि टैक्स की प्लानिंग भी स्मार्ट तरीके से हो सकेगी.










